भारत में जनगणना (Census) की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी और अब यह हर 10 साल में एक बार की जाती है। नीचे भारत में हुई सभी जनगणनाओं की सूची दी गई है:
📜 भारत में अब तक की जनगणनाएँ (Census List)
क्रम संख्या | वर्ष | विवरण |
---|---|---|
1️⃣ | 1871 | पहली बार पूरे भारत में जनगणना (ब्रिटिश शासन) |
2️⃣ | 1881 | पहली संपूर्ण और नियमित जनगणना |
3️⃣ | 1891 | दूसरी नियमित जनगणना |
4️⃣ | 1901 | तीसरी जनगणना |
5️⃣ | 1911 | चौथी जनगणना |
6️⃣ | 1921 | पाँचवी जनगणना — इसे “Demographic Divide” माना जाता है (Population growth first time declined) |
7️⃣ | 1931 | आखिरी बार जातिगत विवरण विस्तृत रूप से शामिल |
8️⃣ | 1941 | WWII के कारण अधूरी और सीमित जनगणना |
9️⃣ | 1951 | स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना |
🔟 | 1961 | दूसरी जनगणना स्वतंत्र भारत में |
1️⃣1️⃣ | 1971 | तीसरी जनगणना |
1️⃣2️⃣ | 1981 | चौथी जनगणना |
1️⃣3️⃣ | 1991 | पाँचवी जनगणना (कश्मीर में आंशिक रूप से हुई) |
1️⃣4️⃣ | 2001 | छठी जनगणना |
1️⃣5️⃣ | 2011 | सातवीं जनगणना — कुल जनसंख्या: 1.21 अरब (121 करोड़) |
भारत की पहली जनगणना का इतिहास
भारत की पहली जनगणना का इतिहास 1872 से जुड़ा है, लेकिन पूर्ण रूप से संगठित और देशव्यापी जनगणना पहली बार 1881 में हुई थी। इसका विकास और उद्देश्य ब्रिटिश शासन में प्रशासनिक, सैन्य और कर उद्देश्यों से जुड़ा था।
भारत की पहली जनगणना
🔹 1. 1872 – पहली प्रयासात्मक जनगणना
- इसे “First Attempt at Census” कहा जाता है।
- यह पूरी तरह संगठित नहीं थी; अलग-अलग प्रांतों में अलग तरीकों से की गई।
- तत्कालीन गवर्नर जनरल Lord Mayo के समय में इसकी योजना बनी।
- उद्देश्य: पुलिस, राजस्व और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाना।
❗ यह जनगणना देशव्यापी नहीं थी। कुछ क्षेत्रों में हुई, कुछ में नहीं।
🔹 2. 1881 – पहली पूर्ण और आधिकारिक जनगणना
- Lord Ripon के कार्यकाल में कराई गई।
- इसे W.C. Plowden के नेतृत्व में अंजाम दिया गया (Census Commissioner of India)।
- भारत की पहली नियमित और संगठित जनगणना मानी जाती है।
- इसमें लिंग, आयु, जाति, धर्म, भाषा, शिक्षा, व्यवसाय जैसे कई सामाजिक-आर्थिक डेटा एकत्र किए गए।